12 साल पहले, मैंने अपना जीवन पूरी तरह से बदल दिया। मैं एक योग शिक्षक बन गयी और मैं वीगन बन गयी। पहले मैं क्या बनी? यह मेरे लिए मुर्गे और अंडे के सवाल जैसा है।
रश्मि रमेश द्वारा अतिथि ब्लॉग
यह दोनों बदलाव लगभग एक ही समय के दौरान हुए। मैं ऐसे समय में वीगन बनी थी जब भारत में बहुत से लोग नहीं जानते थे कि वीगनवाद क्या है, और मैं ऐसे वक़्त में योग शिक्षक बनी थी जब बहुत कम लोगों ने इसे नौकरी के रूप में अपनाया था।
मेरे जीवन में इन दो बड़े परिवर्तनों के कारण हमेशा दूसरे लोग मुझसे प्रश्न पूछते थे:
तो अगर आप वीगन हैं तो आप क्या खाती हैं?
या
आप योग करती हैं? तो आप नौकरी क्या करती हैं?
शुक्र है कि अब योग और वीगनवाद दोनों ने अपार लोकप्रियता हासिल कर ली है।
हालाँकि मेरे भोजन और करियर विकल्पों के बारे में हमेशा कई सवाल उठाये गए हैं, मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि इन दोनों करियर विकल्पों ने मुझे खुद को करीब से समझने और पर्यावरण और जानवरों के प्रति गहरी सहानुभूति विकसित करने में मदद की है।
मेरे स्वास्थ्य में एक झटका
जब मैं 13 साल की थी, तब मुझे बीच-बीच में अपनी आँखों के आसपास सूजन और लगातार फूला हुआ चेहरा महसूस होने लगा था। मुझे अन्य लक्षण भी महसूस हो रहे थे लेकिन मेरे लिए सबसे कठिन लक्षण यह था कि मैं हर समय थका हुआ महसूस करती थी।
मेरे द्वारा इसे कुछ सालों तक यह सहन करने के बाद मेरे माता-पिता और कई डॉक्टरों ने मेरे लीवर, किडनी और हर तरह की जांच के लिए अलग-अलग टेस्ट किए। सम्बन्धित टेस्ट कि सभी रिपोर्ट्स नार्मल थे अंतत कुछ साल बाद एक डॉक्टर ने यह सलाह दी कि मैं थायराइड का टेस्ट कराऊँ, तब मुझे यह पता चला कि मुझे एक ऑटोइम्यून हाइपोथायरायड की स्थिति है जिसे हाशिमोटो के रूप में जाना जाता है। यह एक ऐसी स्थिति है जहां लोग अत्यधिक सुस्ती का अनुभव करते हैं, रात में अच्छी नींद लेने के बाद भी उनका बिस्तर से उठना बहुत मुश्किल होता है। उन्हें मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होता है, रूखी त्वचा होती है, ठंड के मौसम के प्रति उन्हें असहिष्णुता होती है, साथ ही उनमें वजन बढ़ने की प्रवृत्ति भी होती है, ऐसे लक्षणों की सूची लंबी होती जाती है। मेरी बहन ने सुझाव दिया कि मुझे वनस्पति-आधारित आहार आज़माना चाहिए और यह देखना चाहिए कि क्या इससे मेरे लक्षणों में कोई सुधार होगा और क्या इससे मुझे बेहतर महसूस करने में मदद मिलेगी।
पौधों से स्वस्थ होना
मैंने ख़ुद के लिए वनस्पति-आधारित आहार को अपना लिया। बहुत से लोग पृथ्वी या जानवरों के लिए वीगन बन जाते हैं, वनस्पति-आधारित आहार अपनाने का यह दूसरा कारण था। मैं झूठ नहीं बोलूंगी, यह कठिन था! एक दक्षिण भारतीय परिवार से होने के कारण हम गाय के दूध से बने दही का बहुत सेवन करते थे और मुझे अपने भोजन के अंत में दही खाना बहुत अच्छा लगता था (जैसा कि अधिकांश दक्षिण भारतीयों को लगता है)। दही और चीज़ ऐसी चीजें हैं जिनकी मुझे सबसे ज़्यादा लालसा तब हुई जब मैंने डेयरी का सेवन बंद कर दिया। जब मैं 2010 में वीगन बनी थी, तब भारत में डेयरी-मुक्त कोई अन्य विकल्प उपलब्ध नहीं थे, और न ही मैं उनके बारे में ज्यादा जानती थी। इसलिए बिना किसी वीगन विकल्प होने के बावजूद मैंने डेयरी छोड़ दी। हालांकि, वीगन बनने के लगभग एक साल बाद, मुझे किसी भी जानवर के दूध से बने पदार्थ की महक बहुत ही ख़राब लगने लगी थी।
जब मैं बहुत छोटी थी, मेरे माता-पिता को एहसास हुआ कि मैं लैक्टोज असहिष्णु थी। इसलिए गाय के दूध का सेवन करने के बजाय, मेरे पिता, जो काम के लिए विदेश यात्रा करते थे, मेरे लिए सोया दूध प्राप्त करने में सक्षम थे (यह कहना सही होगा कि 90 के दशक में भारत में सोया दूध की मांग या आपूर्ति मुश्किल से ही थी)। वक्त के साथ, मैंने डेयरी उत्पादों का सेवन करना शुरू कर दिया और ऐसा लग रहा था कि यह ठीक काम कर रहा है, लेकिन एक वक्त आया जब मैंने अपने ऑटोइम्यून डिसऑर्डर के लक्षण दिखाना शुरू कर दिया।
एक बार जब मैंने वनस्पति आधारित आहार अपनाया, तो मैंने देखा कि मुझमें बहुत अधिक ऊर्जा आ गई थी और मेरे पाचन में बहुत सुधार हुआ था। यह वह समय भी था जब मैंने योग सिखाना शुरू करने के लिए अपनी योग साधना को आगे बढ़ाया। कुछ ही दिनों में मैं अपनी ऊर्जा में अंतर बता सकती थी। मुझे हल्का महसूस हुआ, मैं लम्बे वक़्त तक काम कर पा रही थी और सुबह उठने पर भी मैं तरोताज़ा महसूस करती थी।
बहुत सारे लोगों ने मुझे यह चेतावनी दी थी कि वीगन आहार से मेरे अन्दर कैल्शियम और प्रोटीन की कमी हो सकती है, लोगों ने कहा कि विशेष रूप से ऐसा किसी भी व्यक्ति के साथ हो सकता है जो बिल्कुल मेरी तरह दिन भर बहुत काम करता है। वीगन बनने के 10 से अधिक वर्षों के बाद, मैं जीवित हूं और बहुत ही स्वस्थ ज़िन्दगी जी रही हूँ। मेरे वार्षिक रक्त परीक्षण का नतीज़ा बहुत अच्छा आता है। मैं अपने आहार में बहुत सारे ताज़े फ़ल, सब्जियां, साग, नट और बीज शामिल करती हूं जो मुझे अपने व्यायाम के लिए आवश्यक सभी आवश्यक पोषण देते हैं। मेरे अनादर 20 साल की उम्र के व्यक्ति की ऊर्जा है (मेरे परिवार से पूछो!) मैं दिन में कम से कम दो घंटे व्यायाम करती हूं। मेरे व्यायाम में तैराकी, साइकिल चलाना और ट्रेकिंग शामिल है या मैं जिम में बॉक्सिंग या HIIT (एच आई आई टी) की क्लास करती हूं। जब मैं अपने विद्यार्थियों को योग नहीं सिखा रही होती, तब मैं अपने यूट्यूब चैनल के लिए वीडियो शूट कर रही होती हूँ।
कैसे योग और वीगनवाद एक दूसरे को पूर्ण करता है
मेरे लिए, एक योग अभ्यासी होना और वीगन होना, दोनों साथ-साथ चलते हैं। पारंपरिक योग दर्शन पतंजलि योग सूत्र से लिया गया है जो अनिवार्य रूप से अधिकांश योग शिक्षकों के लिए पुस्तिका है। इन ग्रंथों में महान ऋषि महर्षि पतंजलि ने अष्टांग प्रणाली या योग के आठ अंगों के बारे में लिखा है। पहले अंग को यम कहा जाता है जो योग के नैतिक और कर्तव्यपरायण नियम हैं और इन सभी नैतिक नियमों में सबसे पहला है अहिंसा।
अहिंसा अपने और सभी जीवित प्राणियों के प्रति विचारों और कार्यों में दयालुता का आह्वान करती है, वह यह कहती है कि चोट पहुँचाने के बजाय, हमें अपने और दूसरों के साथ सद्भाव के साथ व्यवहार करना चाहिए। मेरे लिए, वीगन होने का अर्थ यही सबकुछ है। योग और वीगनवाद दोनों दया और करुणा को बढ़ावा देते हैं।
एक दशक तक वीगन योग शिक्षक होने के बाद, मैंने महसूस किया है कि योग और वीगनवाद एक दूसरे के बहुत अच्छे पूरक हैं। योग और वीगनवाद दोनों के लिए सचेतनता और जागरूकता के स्तर की आवश्यकता होती है जो एक स्वस्थ जीवन शैली को बनाए रखने के लिए आवश्यक है। जागरूक होने से व्यक्ति अधिक सचेत हो सकता है और नैतिक विकल्प चुन सकता है जो अहिंसा के योगिक दर्शन के साथ संरेखित हो।
योग के अभ्यासी के रूप में मैं हमेशा अपने शरीर को सुनती हूं और अपने आप पर दया करती हूं और एक वीगन होने के रूप में, मैं जानवरों और पृथ्वी के प्रति दयालु होने की पूरी कोशिश कर रही हूं।
जबकि योग सांस, गति, ध्यान और शांति के माध्यम से अधिक आत्म-जागरूकता विकसित करने में मदद कर सकता है, वीगन होना इस जागरूकता का एक विस्तार है जिसके माध्यम से हम वे विकल्प चुनते हैं जिनसे पृथ्वी एवं उसके प्राणियों के दर्द कम होते हैं।
रश्मि रमेश मुंबई में रहने वाली एक प्रशिक्षित नर्तकी और योग टीचर हैं। उनके यूट्यूब चैनल, योगालेट्स विद रश्मि के 150,000 से अधिक ग्राहक हैं और इसने दुनिया भर के हजारों लोगों को स्वस्थ और फिट रहने में मदद की है। जब रश्मि योग नहीं सिखा रही होतीं या कॉन्टेंट नहीं बना रही होती हैं, तो वह शायद पहाड़ पर चढ़ रही होती हैं ( ट्रेकिंग) या स्कूबा डाइविंग कर रही होती हैं। आप उनके काम के बारे में और अधिक जानकारी yogalateswithrashmi.com पर प्राप्त कर सकते हैं या उन्हें इंस्टाग्राम पर फॉलो कर सकते हैं।