छह चीजें जो हमने 2020 में सीखीं (या दोबारा सीखीं)।

2020 एक अविस्मरणीय वर्ष था। कोरोनोवायरस प्रकोप ने हमारे जीवन को बदल दिया था, हमारी स्वतंत्रताओं को प्रतिबंधित कर दिया था और हमारे कई प्रियजनों को हमसे दूर कर दिया था। हममें से प्रत्येक इंसान के पास महामारी के बारे में बताने के लिए एक कहानी है – यह वर्ष हमारे और हमारे परिवारों के लिए क्या मायने रखता है, इसका हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ा और इसके परिणामस्वरूप हमारा जीवन और आजीविका कैसे बदल गई है। चुनौतियों और कठिन समय के बावजूद, हमने कुछ उल्लेखनीय बातें भी सीखीं हैं। चलिए वर्ष 2020 द्वारा सिखाई गईं गहन बातों पर विचार करते हैं।

1. प्रत्येक इंसान के कार्यों का हमारी सोच से कहीं अधिक व्यापक प्रभाव पड़ता है

इसी तरह से महामारी की शुरुआत भी हुई थी। चीन में कहीं, प्राकृतिक आवास का एक हिस्सा नष्ट कर दिया गया था और जंगली जानवरों को पकड़ लिया गया था और इस तरह एक अज्ञात रोगज़नक़ चमगादड़ से पैंगोलिन में आया और उसके बाद एक मनुष्य के ऊपर हावी हुआ जिससे इस महामारी का आरंभ हुआ और फ़िर आगे क्या हुआ हम अच्छी तरह से जानते हैं।

यह सबसे अच्छा उदारहण है कि एक एक व्यक्ति के कर्मों का असर कितना गहरा होता है और कितनी दूर तक उसका प्रभाव फैलता है। यदि हम जिस तरह से रहते हैं वह तरीका पर्यावरण को प्रदूषित और नुकसान पहुंचाता है, एंटीबायोटिक दवाओं का अत्यधिक उपयोग करता है (जैसे कि पशुपालन उद्योगों में होता है) या हमारे व्यक्तिगत कार्बन पदचिन्ह को अधिक करता है, तो दुनिया भर के अन्य लोग भी इसका प्रभाव महसूस करेंगे। हमारे कर्म मायने रखते हैं।

2. समुदाय, करुणा और दान

पूरी महामारी के दौरान, पड़ोसियों ने पड़ोसियों की परवाह की है, दोस्तों ने दोस्तों की परवाह की है। हमने अपने फोन की तरफ़ देखना छोड़कर अपने आस-पास के लोगों की तरफ़ देखना शुरू किया, हम सबने एक दूसरे की हर तरीके से मदद करने की कोशिश की चाहे दवाइयों का प्रबंध करना हो, अस्पताल का प्रबंध करना हो या एक दूसरे को अकेलेपन से जूझने में मदद करनी हो। महामारी ने हमारे अंदर की करुना और मानवता को जगा दिया था। जेनV में हमने भी अपनी अभियान रणनीति को छोड़कर उन मुद्दों पर अपना ध्यान केन्द्रित किया जिससे हम ज़रूरतमंद लोगों की मदद कर पाएँ, और इसीलिए हमने संकल्प लिया कि हम 2022 से पहले दस लाख भोजन दान करेंगे और हमारा यह संकल्प पूरा हुआ। कभी-कभी हमें अपनी ज़िन्दगी की सबसे ख़राब परिस्थितियों से गुज़रना पड़ता है ताकि हम अपना सर्वश्रेष्ठ कर्म कर पाएँ।

3. पशुपालन उद्योग और मांस के बाज़ार एक दूसरे के पूरक हैं

इस वर्ष हमारी आँखें सबसे पहले मांस के बाज़ारों के अस्तित्व पर गईं – यह वह स्थान है जहाँ जंगली एवं पशुपालन उद्योग के जीवित और मृत जानवरों को पिंजरे में रखा जाता है और उनका व्यापार किया जाता है – इस तरह की व्यवस्था में रोगजनक बड़ी आसानी से फ़ैल जाते हैं। और जब हम सभी इस जानकारी से परेशान थे, तो हमें यह अहसास हुआ कि गंदे, भीड़भाड़ वाले पशुपालन उद्योग भी – वह स्थान जहां जानवरों को उनके मांस के लिए पला जाता है, यह उद्योग भी समान रूप से खतरनाक महामारी प्रजनन स्थल हैं। हमने सीखा कि तीन-चौथाई उभरती संक्रामक बीमारियाँ जानवरों से आती हैं, और यह महामारी आखिरी नहीं होगी। एक महामारी विशेषज्ञ द्वारा औद्योगिक चिकन फार्मों को “टिक टिक टाइम बम” के रूप में वर्णित किया गया था। हमें जानवरों और खुद के लिए पशुपालन उद्योग को खत्म करने की ज़रूरत है।

4. स्वास्थ्य ही सब कुछ है

यह एक ऐसी बात है जिसे हम सभी जानते हैं लेकिन फिर भी किसी न किसी तरह अपने रोज़मर्रा की ज़िन्दगी में भूल जाते हैं। हमारा स्वास्थ्य ही हमारे लिए सबकुछ है, इस बात का एहसास हमें केवल तभी होता है जब हम बीमार हो जाते हैं, या किसी प्रियजन को बीमार होते देखते हैं, या वास्तव में दुनिया भर में फैल रहे वायरस की चपेट में आने से भयभीत हो जाते हैं। वर्ष 2020 से बहुत अधिक लोगों ने सकारात्मक आहार विकल्पों के माध्यम से अपने स्वास्थ्य और प्रतिरक्षा में सुधार करने की कोशिश की है। उन्होंने पाया है कि साबुत वनस्पति-आधारित आहार स्वास्थ्य की रक्षा करता है, प्रतिरक्षा को बढ़ाता है, हमें आवश्यक सभी पोषक तत्व प्रदान करता है, हमें स्वस्थ और लंबे समय तक जीने में मदद करता है, और हमें महामारी से भी बचाता है।

5. हमें सभी पिज़्ज़ा की ज़रूरत नहीं है

जब हमारे चारों ओर सब कुछ बहुत कठिन लगता है, तो हमारा दिमाग वास्तव में उस बात पर ध्यान केंद्रित करता है जो सबसे महत्वपूर्ण है, और हम फिर से सरल चीजों में खुशी पाते हैं। जब हम जल्दी जल्दी खुश होना चाहते हैं या जोश से भर जाना चाहते हैं तब या तो हम किसी यात्रा पर निकल जाते हैं, कोई खेल टीवी पर देखते हैं या खुद खेलते हैं, हम खरीदारी करते हैं या फ़ोन या टीवी में पिक्चर देखते हैं लेकिन वर्ष 2020 में हमने पाया कि ऐसी कई अन्य चीजें थी जो हमारी आत्मा और जीवन के लिए बहुत अधिक मायने रखती हैं। वर्ष 2020 में, कई लोगों ने पहली बार प्रकृति को करीब से देखने और सुनने में समय बिताया। वे समुद्र की ओर बहने वाली नदियों के किनारे चले, कई लोगों ने पहली बार पेड़ों को रुक कर गौर से देखा, उन पेड़ों की जीवन से भरपूर छाल और शाखाएँ को छुआ, उन्होंने आसमान के टिमटिमाते तारों के खूबसूरत दृश्य को पहली बार जी भर कर देखा, यह अद्भुत प्रकृति हमें धीरे से याद दिलाने की कोशिश करती है कि वह कितनी बेशकीमती है और उसके बगैर हमारा कोई अस्तित्व नहीं, साथ में हमें यह भी एहसास होता है कि चाहे हम कितनी कोशिश कर लें, प्रकृति के हर अद्भुत ज्ञान को जानने में हमें सदियाँ लग जायेंगी। वर्ष 2020 में लोगों ने बीज बोये और उन्हें अंकुरित होते देखा, लोगों ने अपने घर में बेसहारा जानवरों को जगह दी, उन्हें भोजन खिलाया और इन जानवरों के साथ एक खूबसूरत रिश्ता बनाया।

जब समय कठिन होता है, तो हम उन बातों को अत्यधिक स्पष्टता से समझ पाते हैं जो हमारे लिये वास्तव में मायने रखती हैं।

6. हमारा जो कुछ भी है वह इस पृथ्वी पर निर्भर है

हमारा सब कुछ पृथ्वी पर निर्भर है। यह हमारा घर है, यह हमें भोजन, पानी, गर्मी, आश्रय और दवाएँ प्रदान करता है। यह हमारे शरीर की देखभाल करता है लेकिन यह हमारी आत्मा का भी पोषण करता है। वह वसंत का पहला खूबसूरत दिन जब सूरज की गर्माहट फूलों को ख़िल उठने के लिए प्रेरित करती है, वह अद्भुत दिन हमारे अस्तित्व के मूल स्वरूप में कुछ बदलाव लाता है। और प्राकृतिक दुनिया की महिमा की बात कुछ और है! झीलें, पहाड़, महासागर, घास के मैदान और नदियाँ कलात्मक कार्यों को प्रेरित करती हैं जो कला हमें वास्तविकता की तरह ही गहराई से छूती हैं। और फिर भी, हम पृथ्वी के साथ ऐसा व्यवहार करते हैं जैसे यह कूड़े में फेंक देने जैसी कोई वस्तु है। जैसे कि हमारे जीवन में इसका कोई महत्त्व ही न हो। स्टीव कट्स द्वारा बनाई गई इस अविश्वसनीय फ़िल्म ‘मैन’ में यह दर्शाया गया है:

वर्ष 2020 ने दिखाया है कि हमारा अस्तित्व कितना नाज़ुक है और पृथ्वी पर सभी प्राणियों का जीवन आपस में जुड़ा हुआ है, और जानवरों और पृथ्वी की देखभाल करके, हम अपनी भी देखभाल कर रहे हैं।

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