दमन वृक्ष क्या है और इसका वीगनवाद से क्या संबंध है?

द ऑप्रेशन ट्री (दमन वृक्ष) सबसे पहले द सेंटर फॉर कम्युनिटी ऑर्गेनाइजेशन्स द्वारा विकसित किया गया था। यह उन शक्तियों को पहचानने, व्यक्त करने और चित्रित करने का एक तरीका है, जो विभिन्न प्रकार के उत्पीड़न को आकार देती हैं, साथ ही दमन के ठोस परिणामों को भी दर्शाती हैं। हम में से प्रत्येक व्यक्ति अपना खुद का उत्पीड़न का वृक्ष बना सकता है, और यह अभ्यास उन सभी के लिए उपयोगी है जो सामाजिक न्याय के लिए काम कर रहे हैं।

दमन वृक्ष: पत्तियाँ, शाखाएँ, तना और जड़ें

इस पेड़ के पत्तों पर हम उन परिणामों और प्रभावों के नाम लिखते हैं, जो समाज में दमन के कारण पनपते हैं। ये परिणाम अनगिनत हैं, और जो हम चुनते हैं, वे अक्सर हमारी अपनी प्राथमिकताओं और अनुभवों को दर्शाते हैं। इनमें नस्लीय गालियां, घरेलू हिंसा, बेघर होना, जानवरों का वध, नदियों का प्रदूषण, सार्वजनिक स्थानों का सभी के लिए सुलभ न होना, और न जाने कितने और दर्दनाक पहलू शामिल हो सकते हैं।

पेड़ की शाखाओं पर हम उन विचारों और विचारधाराओं को दर्ज करते हैं, जो उत्पीड़न को जन्म देती हैं। इनमें यह सोच शामिल हो सकती है कि इंसान अन्य प्राणियों से अधिक बुद्धिमान हैं, या यह कि प्रकृति को मनुष्यों के उपयोग और शोषण के लिए बनाया गया है।

पेड़ के तने पर हम उन संस्थानों के नाम दर्ज करते हैं, जो इन उत्पीड़नों को बढ़ावा देते हैं। इनमें पुलिस, राजनेता, बैंकर और बड़ी कॉरपोरेट कंपनियाँ शामिल हो सकती हैं।

अंत में, पेड़ की जड़ों में हम उन दमनकारी व्यवस्थाओं के नाम लिखते हैं, जिन्होंने बाकी सभी परिणामों को जन्म दिया है। इनमें उपनिवेशवाद, जातिवाद, पूंजीवाद, प्रजातिवाद, या श्वेत वर्चस्व जैसी व्यवस्थाएं शामिल हो सकती हैं। 

दमन वृक्ष के हिस्सों का परस्पर संबंध

प्रकृति की तरह, इस पेड़ के सभी हिस्से आपस में जुड़े हुए हैं, जहाँ हर तत्व एक दूसरे को सहारा देता है और पोषित करता है। परिणाम (पत्तियाँ) सबसे स्पष्ट दिखने वाले पहलू हैं, लेकिन उनका अस्तित्व केवल इसलिए है क्योंकि वे दमनकारी व्यवस्थाओं (जड़ें) से पोषित होती हैं। लेकिन पत्तियाँ प्रकाश-संश्लेषण करती हैं और इस प्रक्रिया में अदृश्य जड़ों को और भी मजबूत बनाती हैं, जिससे यह पूरी प्रणाली और भी सशक्त हो जाती है। यही परस्पर संबंध इस दमनकारी व्यवस्था को तोड़ना कठिन बना देता है। 

बेशक, पेड़ एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। वे एक-दूसरे को सहारा देते हैं और पोषण पहुंचाते हैं, ठीक वैसे ही जैसे अलग-अलग उत्पीड़न की व्यवस्थाएँ एक-दूसरे को मजबूती और ऊर्जा देती हैं। प्रजातिवाद, जातिवाद, नस्लवाद, लिंगभेद, दिव्यांगता के प्रति भेदभाव, और होमोफोबिया, ये सब आपस में गहराई से जुड़े हुए हैं क्योंकि ये सब उन सभी लोगों पर अत्याचार करते हैं जिन्हें हीन या कमतर समझा जाता है।

दमन वृक्ष से वीगन लोगों के लिए सबक

सामाजिक न्याय के कार्यकर्ता होने के नाते हम अक्सर अपने प्रयास पत्तियों पर केंद्रित रखना चाहते हैं – यानी उत्पीड़नों के उन स्पष्ट संकेतों पर, जिन्हें हम रोज़ देखते हैं। हालाँकि यह करना ज़रूरी है, लेकिन यह मानना गलत होगा कि केवल पत्तियों पर ध्यान देकर हम इस समस्या का अंत कर सकते हैं।

तो, पशुओं को पशुपालन उद्योगों के भयानक अत्याचारों से बचाना निस्संदेह एक अच्छा काम है। हमें भ्रामक मांस विज्ञापनों के खिलाफ शिकायतें दर्ज करनी चाहिए और मांस उद्योगों से होने वाले प्रदूषण की घटनाओं की रिपोर्ट भी करनी चाहिए। लेकिन यह सब करते रहने के बाद भी, ये समस्याएँ तब तक खत्म नहीं होंगी जब तक हम असली जड़ पर ध्यान नहीं देंगे। और इस मामले में यह जड़ है प्रजातिवाद – यह एक दमनकारी व्यवस्था है जो कहती है कि जानवर इंसानों से कम मूल्यवान हैं और उनका अस्तित्व केवल शोषण के लिए है। लंबे समय से सक्रिय पशु अधिकार कार्यकर्ता मार्क हॉथॉर्न को यह बात मालूम होगी तभी उन्होंने अपनी व्यावहारिक गाइड का नाम “स्ट्राइकिंग एट द रूट्स” यानी “जड़ों पर प्रहार” रखा है। इस विचार का समर्थन प्रोफेसर कोरी ली रेन्न भी करती हैं, जो पशु अधिकार आंदोलन, पारिस्थितिक नारीवाद (इको-फेमिनिज़म) और वीगन अध्ययन की विशेषज्ञ हैं। उनका कहना है कि सामाजिक आंदोलन अक्सर सुधारों पर केंद्रित होते हैं, बजाय गहरे सामाजिक बदलाव लाने के। एकल मुद्दों पर आधारित अभियान छोटी जीत और फंडिंग तो दिला सकते हैं, लेकिन ये अभियान शक्तिशाली वर्गों के लिए कोई बड़ा खतरा नहीं होते और उत्पीड़न के ढाँचे को नष्ट करने में बहुत कम योगदान करते हैं।

फोटो श्रेय : वी एनिमल्स मीडिया

उत्पीड़न को ख़त्म करना

जड़ों पर प्रभावी प्रहार करने के लिए, डॉ. रेन्न निम्नलिखित व्यावहारिक कदम अपनाने की सलाह देती हैं:

  • उत्पीड़न के आपसी जुड़ाव को स्वीकारें – यह समझें कि सभी प्रकार के अन्याय आपस में जुड़े हुए हैं।
  • एकल मुद्दों वाले अभियानों का सावधानी से उपयोग करें
  • ग़ैर-लाभकारी संगठनों को जवाबदेह ठहराएं
  • स्थानीय और ज़मीनी स्तर के प्रयासों का समर्थन करें
  • सामाजिक न्याय आंदोलनों के बीच सहयोग और एकजुटता बढ़ाएं
  • चाहे आप किसी भी सामाजिक न्याय आंदोलन का हिस्सा हों – वीगन बनें

वीगन क्यों बनें?

डॉ. रेन्न कहती हैं कि वीगनवाद प्रतिदिन का एक राजनीतिक कदम है, जिसमें हम किसी भी प्रकार के उत्पीड़न में भाग लेने या उसका समर्थन करने से इनकार करते हैं। यह एक व्यक्तिगत निर्णय होने के साथ-साथ सामूहिक प्रयास भी है। क्योंकि सभी उत्पीड़न आपस में जुड़े हुए हैं, इसलिए वीगन बनना उन सभी अन्यायपूर्ण व्यवस्थाओं और पूर्वाग्रहों की जड़ों पर प्रहार करता है, जिन्हें हम खत्म करना चाहते हैं।

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मुक्ति का पेड़

जिस सकारात्मक भविष्य की हम कल्पना करते हैं, उसे साकार करने के लिए हमें अपने मन में मुक्ति के पेड़ की रचना करनी चाहिए। इस पेड़ में पत्तियाँ वे चीजें हैं जिन्हें हम समाज में देखना चाहते हैं (जैसे, पशुपालन उद्योगों और चिड़ियाघरों का अंत)। शाखाएँ वे विचार और सिद्धांत हैं, जो हमें इस लक्ष्य तक पहुँचाने में मदद करेंगे (जैसे, जानवरों को कानूनी अधिकार दिलाना)। तना उन संस्थानों का प्रतीक होगा, जो इस प्रणाली का समर्थन करेंगे (जैसे, एक सरकारी विभाग जो हमारे पशु साथियों की सुरक्षा के लिए समर्पित हो)। जड़ों में हम उन बुनियादी व्यवस्थाओं को रखेंगे, जिनके ज़रिए इस सकारात्मक परिवर्तन को लाया जा सकता है। ये व्यवस्थाएँ अक्सर मौजूदा ढाँचों के विपरीत होती हैं – उदाहरण के लिए प्रजातिवाद विरोधी और पूंजीवाद विरोधी। कई बार हमारे पास उन भावी व्यवस्थाओं को समझाने के लिए उचित भाषा नहीं होती या उनकी कल्पना करना भी मुश्किल होता है, लेकिन यही वे जड़ें हैं जिनसे हमारे सपनों का भविष्य उग सकता है।

गैर-लाभकारी संस्था हेल्थकेयर इज़ ए ह्यूमन राइट का कहना है : “उदाहरण के लिए, अगर हम 100 साल पहले यूरोप में औद्योगिक श्रमिक होते, तो हम मुक्ति के पेड़ की जड़ों को “समाजवाद” कहते, अगर हम 1940 के दशक में चीन में किसान होते तो हम इसे “साम्यवाद” का नाम देते। लैटिन अमेरिका के कई आंदोलन “21वीं सदी का समाजवाद” शब्द का उपयोग करने लगे हैं। हमें जो चाहिए उसके बारे में जानने और नाम देने से हमें उसे हासिल करने में मदद मिलेगी।

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उत्पीड़न की जड़ों को समझने के लिए 13 बेहतरीन पुस्तकें

  • द इंविसिबल डॉक्ट्रिन: द सीक्रेट हिस्ट्री ऑफ निओलिबरलिज़म (एंड हाउ इट केम टू कंट्रोल योर लाइफ) – जॉर्ज मॉनबियट और पीटर हचिसन द्वारा लिखित 
  • व्हाय वी गेट द रॉन्ग पॉलिटिशियंस – इसाबेल हार्डमैन द्वारा लिखित
  • वल्चर कैपिटलिज़म: कॉरपोरेट क्राइम्स, बैकडोर बेलआउट्स एंड द डेथ ऑफ फ्रीडम– ग्रेस ब्लेकली द्वारा लिखित
  • दिस चेंजेस एवरीथिंग: कैपिटलिज़म vs द क्लाइमेट – नाओमी क्लेन द्वारा लिखित  
  • वीगनिज़म ऑफ कलर: डिसेंट्रिंग व्हाइटनेस इन ह्यूमन एंड नॉनह्यूमन एनिमल लिबरेशन – जूलिया फेलिज़ ब्रुक द्वारा संपादित  
  • कैपिटलिज़म एंड द डेथ ड्राइव – ब्यूंग-चुल हान द्वारा लिखित  
  • सिस्ताह वीगन: ब्लैक वुमेन स्पीक ऑन फूड, आइडेंटिटी, हेल्थ, एंड सोसाइटी – ब्रीज़ हार्पर द्वारा संपादित  
  • ब्रॉथा वीगन: ब्लैक मेल वीगन्स स्पीक ऑन फूड, आइडेंटिटी, हेल्थ, एंड सोसाइटी – ओमोवाले एडवाले द्वारा संपादित  
  • बीस्ट्स ऑफ बर्डन: एनिमल एंड डिसएबिलिटी लिबरेशन – सुनौरा टेलर द्वारा लिखित  
  • द सेक्सुअल पॉलिटिक्स ऑफ मीट: अ फेमिनिस्ट-वेगिटेरियन क्रिटिकल थ्योरी – कैरोल जे. एडम्स द्वारा लिखित 
  • हाउ डिड वी गेट इंटू दिस मेस? – जॉर्ज मॉनबियट द्वारा लिखित  
  • नेटिव्स: रेस एंड क्लास इन द रुइन्स ऑफ एम्पायर – अकाला द्वारा लिखित  
  • कैनिबल कैपिटलिज़म: हाउ आवर सिस्टम इज़ डिवॉरिंग डेमोक्रेसी, केयर, एंड द प्लैनेट – एंड व्हाट वी कैन डू अबाउट इट– नैन्सी फ्रेज़र द्वारा लिखित

निष्कर्ष

जेनV में हम पहचानते हैं कि हर प्रकार का उत्पीड़न एक-दूसरे से जुड़ा हुआ है। हम ऐसी दुनिया के लिए काम कर रहे हैं जहाँ हर जीव—चाहे मानव हो या गैर-मानव— शोषण, अत्याचार और स्वामित्व से मुक्त हो और जहाँ प्राकृतिक दुनिया उन ताकतों से सुरक्षित और संरक्षित हो जो इसके विनाश से लाभ उठाना चाहती हैं।

दमन वृक्ष न केवल हमें हमारे काम में प्रजातिवाद के प्रभावों को समझने में मदद करता है, बल्कि यह भी याद दिलाता है कि सभी उत्पीड़न की व्यवस्थाएँ एक ही जड़ से निकलती हैं। हम उस जड़ पर लगातार प्रहार करते रहेंगे।

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