आदरणीय प्रिंस विलियम,
अर्थशॉट पुरस्कार परिषद के सदस्य सर डेविड एटनबरो सही थे जब उन्होंने कहा था:
“हमें अपना आहार बदलना होगा। पृथ्वी अरबों मांस खाने वालों का भार नहीं उठा सकती।”
तथ्य यह है: हम अपने खाने के तरीके को बदले बिना अपनी पृथ्वी को ठीक नहीं कर सकते।
अर्थशॉट पुरस्कार ने दुनिया की सबसे बड़ी पर्यावरणीय चुनौतियों के लिए सबसे प्रेरणादायक और अभिनव समाधानों को खोजने के लिए एक अभूतपूर्व वैश्विक खोज का नेतृत्व किया है। उनका जश्न मनाने और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए, आप पांच उत्कृष्ट पहलों को £1 मिलियन का पुरस्कार देते हैं जो निम्न पर काम कर रहे हैं:
- प्रकृति की रक्षा और पुनर्स्थापना
- हवा साफ़ करना
- महासागरों को पुनर्जीवित करना
- अपशिष्ट-मुक्त विश्व का निर्माण करना
- जलवायु ठीक करना
ऐसा करने से, आप पर्यावरणीय चुनौतियों और उनसे मिलकर निपटने की तत्काल आवश्यकता के बीच के अंतरसंबंध को पहचानते हैं, और फिर भी इन पांच अर्थशॉट में वह अहम् विषय शामिल नहीं है जो हमारी पृथ्वी को संरक्षित करने के लिए मूलभूत रूप से आवश्यक है।
वे एक ऐसी चुनौती (मुद्दे) की उपेक्षा करते हैं जिसे हमें संबोधित करना है। ऐसा किए बिना, हम प्रभावी ढंग से जलवायु परिवर्तन से नहीं लड़ सकते, प्रकृति को बहाल नहीं कर सकते, अपनी हवा को साफ नहीं कर सकते, अपने महासागरों को पुनर्जीवित नहीं कर सकते, कचरे को खत्म नहीं कर सकते, या अपने संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त नहीं कर सकते। वह चुनौती है:
6. वनस्पति-आधारित खाद्य प्रणाली को आगे बढ़ाना।
पशुओं के माध्यम से भोजन का उत्पादन अक्षम, अपव्ययी, खतरनाक है और हमें जलवायु आपदा की ओर ले जा रहा है। यह अरबों पशुओं के लिए अकल्पनीय और अनावश्यक पीड़ा, ज़ूनोटिक रोगों और खतरनाक एंटीबायोटिक-प्रतिरोधी बीमारियों का कारण है।
इसके अलावा, यह आपके प्रत्येक अर्थशॉट लक्ष्य के विरुद्ध काम करता है। इसलिए यदि हम अपने ग्रह को बचाना चाहते हैं तो हमें अपनी टूटी हुई खाद्य प्रणाली में क्रांति लानी होगी।
पशुपालन उद्योग समस्त कृषि भूमि का 80% और समस्त मीठे पानी का 41% उपयोग करता है। यह लगभग 60% कृषि उत्सर्जन भी पैदा करता है, और यह वन्यजीवों के विलुप्त होने, वनों की कटाई और जैव विविधता के ख़त्म होने का प्रमुख कारण है, इसके बावजूद दुनियाभर में जिस मात्रा में कैलोरी की खपत होती है, यह उद्योग उस कैलोरी का 18% से भी कम हिस्सा पैदा करता है।1 जिस तेज़ी से यह बढ़ रहा है, यह 2030 तक दुनिया की आधी ग्रीनहाउस गैस के लिए ज़िम्मेदार होगा।2
पौधे-आधारित खाद्य पदार्थों और लैब में बनाये गए मांस में हर दिन नई खोज हो रही है, गैर सरकारी संगठन आहार-परिवर्तन की पहल का समर्थन कर रहे हैं, और सभी स्तरों पर निर्णय-निर्माता ऐसी नीतियों का संचालन और अधिनियमन कर रहे हैं जिससे हम लोग पृथ्वी-अनुकूल खाद्य प्रणाली आसानी से अपना सकते हैं। आहार के माध्यम से हमारी दुनिया को सकारात्मक रूप से बदलने की क्षमता इतनी बड़ी है कि उसे नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।
फिर भी इन समाधानों में मदद करने वाले लोगों को वह मान्यता नहीं मिल रही है जिसके वे हकदार हैं, न ही प्रणालीगत परिवर्तन और वैश्विक प्रभाव पैदा करने के लिए उन्हें आवश्यक समर्थन मिल रहा है।
यही कारण है कि हम आपसे सम्मानपूर्वक छठा अर्थशॉट पुरस्कार शुरू करने के लिए कह रहे हैं: वनस्पति-आधारित खाद्य प्रणाली को आगे बढ़ाना।
यदि आप सहमत हैं, तो जनरेशन वीगन, वनस्पति-आधारित खाद्य प्रणाली को आगे बढ़ाने के शुभारंभ पर इस श्रेणी के विजेता को £1 मिलियन राशि प्रदान करेगा।
सादर,
जेनV
यह अनुरोध इनके द्वारा समर्थित है:
ओलिविया कोलमैन
डेम एम्मा थॉम्पसन
मार्क रैलेंस
एनी लेनोक्स
एलिसिया सिल्वरस्टोन
शेरोन ऑस्बॉर्न
एडी फाल्को
जॉर्ज मोनबियोट
क्रिस पैकहम
जेम्मा व्हेलन
जस्टिन एडोर्नो
दबोरा मीडेन
बेंजामिन सफन्याह
जेम्स मूर
दानी मोरेनो
एमिलियानो डी’एविला
लेयल्लाह दिवा ब्लैक
लुइसा मेल
नतालिया रोजा
रोड्रिगो डोराडो
मार्को एंटोनियो रेजिल
एलिसा डि यूसानियो
सबरीना जियानिनी
संदर्भ
(1) Why We Must Revolutionize Food Systems to Save Our Planet – Time 2021
(2) Rapid global phaseout of animal agriculture has the potential to stabilize greenhouse gas levels for 30 years and offset 68 percent of CO2 emissions this century – PLOS Climate 2022