गाय उद्योग : तथ्य और आंकड़े तथा गाय का उद्योग खराब क्यों है?

Photos of brown Indian Brahman cows tied up in shed on a farm in rural Maharashtra in India
श्रेय:Anipixels.com

इस उद्योग को वनों की कटाई और जलवायु परिवर्तन को बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है, साथ ही इस उद्योग के कारण इन संवेदनशील प्राणियों को भावनात्मक, शारीरिक और मनोवैज्ञानिक पीड़ा भी होती है। और ऐसा केवल इसलिए होता है क्योंकि लोग मांस और दूध खरीदते हैं, जिसका अर्थ है कि इस ग्रह और इस ग्रह के जीवों की भलाई के लिए, उन पर अपने द्वारा किये गए कृत्यों के प्रभावों को कम करना होगा जो कि हम कर सकते हैं।

गायों को पालतू कैसे बनाया गया?

लगभग 10,500 साल पहले गायों को पालतू बनाया गया था और तब से उनके मांस, खाल, दूध, प्रजनन क्षमता और श्रम के लिए उनका शोषण किया जाता रहा है। उनके पूर्वज ऑरोक या जंगली बैल थे, जिन्हें जंगल से पकड़ा गया था और प्रजनन के लिए इस्तेमाल किया गया था।

गाय के उद्योग को क्या कहते हैं?

गायों का शोषण करने वाले ”उद्योग” कई प्रकार के हैं। ‘डेयरी उद्योग’ मादा गायों को गर्भवती करते हैं ताकि वे दूध का उत्पादन करें। ‘बीफ उद्योग’ मादाओं को गर्भवती करते हैं और मांस के लिए उनके बच्चों को मार डालते हैं। इस तरह के संचालन प्रबंधन ज़्यादातर क्रूर होते हैं, गायों को अक्सर चारदीवारी के अंदर या भीड़भाड़ वाले बाड़े में रखा जाता है, जहां वे घूमने या चरने में असमर्थ होती हैं। एक ‘पशु उद्योग’ में गायों को घूमने की अनुमति होती है जो कि मांस-उत्पादक के संचालन का ही एक हिस्सा है। आमतौर पर, युवा पशुओं को एक साथ घूमने के लिए एकत्र किया जाता हैं, उसके बाद उन्हें फीडलॉट्स में भेज दिया जाता है, जहाँ इन पशुओं की हत्या से पहले इनको खिला-पिला कर हष्ट-पुष्ट किया जाता है।

गाय उद्योग के तथ्य और आंकड़े

  • इस उद्योग में दुनिया की लगभग एक अरब गायें हैं
  • भारत में दुनिया का सबसे बड़ा डेयरी गायों का झुंड है
  • जलवायु परिवर्तन का एक मुख्य कारण गाय के उद्योग हैं, जिसमें गोमांस पर्यावरणीय रूप से सबसे अधिक विनाशकारी भोजन है
  • भारत में 5.9 करोड़ से अधिक डेयरी गाय हैं, जिसमें गाय और भैंस दोनों शामिल हैं।
  • भारत के कई राज्यों में गायों के वध पर पूर्ण प्रतिबंध है, भैंसों को इस “संरक्षण” से बाहर रखा जाता है।
  • डेयरी उद्योग में गायों को हर 12 महीने में एक बछड़ा पैदा करने के लिए मजबूर किया जाता है ताकि उनको दूध आता रहे
  • मनुष्य के समान ही गाय का गर्भकाल भी नौ महीने का होता है
  • वील उन बछड़ों के मांस को कहते हैं जिन्हें उनकी दूध देने वाली माताओं से दूर ले जाकर मार दिया जाता है। वील और दूध का व्यापार अटूट रूप से जुड़ा हुआ है।

गाय का उद्योग खराब क्यों है?

ये उद्योग गायों के लिए बुरा है, अपने ग्रह के लिए बुरा है और मनुष्य के लिए भी बुरा है।

विकृत

पशु उद्योगों में खतना कानूनी और आम है, और गायों के लिए ब्रांडिंग, ईयर-टैगिंग और डीहॉर्निंग शामिल हो सकते हैं। ये सभी दर्दनाक कृत्य हैं जो कि लगभग हमेशा बेहोश की जाने वाली दवा के बिना ही किये जाते हैं। भारत में गायों की नाक छिदवाना और उसमें से रस्सी को उनके कानों के पीछे बांधना आम बात है। यह सब उनके जीवन में हर दिन हमेशा के लिए तीव्र दर्द का कारण बन सकता है।

गर्भवती

चाहे हमें उनका दूध चाहिए हो या उनके बच्चे, मादा गायों का बार-बार कृत्रिम गर्भाधान किया जाता है। उन्हें अपने बच्चों के साथ रहने का अवसर कभी नहीं मिल पता है और बछड़े से माँ का अलग होना दोनों के लिए गंभीर पीड़ा / विषाद का कारण बन सकता है। गायों और उनके बच्चों को कई दिनों तक एक-दूसरे को बुलाने के लिए रम्भाते हुए देखा गया है।

लंगड़ापन

दर्दनाक लंगड़ापन डेयरी फार्मों पर अविश्वसनीय रूप से आम है और यह संक्रमण या पर्यावरणीय कारकों के कारण हो सकता है, जैसे कि सख्त फर्श पर खड़े होने के लिए मजबूर होने से या अनुचित पोषण मिलने से। डेयरी फार्मों पर नौ प्रतिशत गायों को लंगड़ा होने के कारण मार दिया जाता है।

गंभीर तनाव

इस तरह के बर्ताव के परिणामस्वरूप, गायों को गंभीर शारीरिक और भावनात्मक तनाव का सामना करना पड़ता है। कारावास, अप्राकृतिक आहार, बार-बार जबरन गर्भधारण और उनके बच्चों की हत्या, विकृति, परिवहन, और रोगाणुओं  के संपर्क में आने से इन संवेदनशील जानवरों को अनुचित तनाव का सामना करना होता है।

कोई ज़िन्दा नहीं बचता

डेयरी गायों के बछड़ों को उनके मांस (वील) के लिए मार दिया जाता है या अगर उनका शरीर किसी भी तरह से मुनाफा नहीं दे रहा है तो उन्हें जन्म के समय ही गोली मार दी जाती है। अन्य बछड़ों को बीफ के लिए पाला और मार दिया जाता है। मांस, प्रजनन या डेयरी उत्पादन के लिए इस्तेमाल की जाने वाली वयस्क मादाओं को भी तब मार दिया जाता है जब उनकी उत्पादकता कम हो जाती है।

वनों की कटाई

गाय का उद्योग वनों की कटाई का एक प्रमुख कारण है। ऐसा इसलिए है क्योंकि गोमांस पैदा करने के लिए बहुत ज़मीन लगती है और इतनी कृषि भूमि उपलब्ध नहीं है, इसलिए भूमि की ज़रूरत को पूरा करने के लिए जंगलों को काट दिया जाता है। जंगली जानवरों की आबादी में विनाशकारी गिरावट के पीछे यह भी एक मुख्य कारण है।

जलवायु परिवर्तन

वनों की कटाई और गायों से उत्पन्न मीथेन के कारण गाय का उद्योग बहुत बड़े स्तर पर जलवायु-परिवर्तनकारी गैसों के लिए जिम्मेदार है। ऐसे समय में जब हमें अपने उत्सर्जन में भारी कमी करनी होगी, पशु पालन उद्योग और विशेष रूप से गाय पालन उद्योग के लिए कोई जगह नहीं है।

आप कैसे मदद कर सकते हैं?

गायों और हमारी पृथ्वी की मदद करने के लिए सबसे अच्छा तरीका यह है कि वनस्पति-आधारित खाद्य पदार्थों का चयन किया जाए और गाय उद्योग को समाप्त किया जाए। अच्छी बात ये है कि, ज्यादातर लोगों के लिए, यह करना बहुत आसान है। हम आसानी से डेयरी दूध की जगह ओट, सोया या बादाम जैसे वनस्पति-आधारित दूध ले सकते हैं, और हम बाज़ार में उपलब्ध कई प्रकार के वीगन मांस का चुनाव कर सकते हैं जो कि काफी स्वादिष्ट होता है। ये मांस की तरह दिखता है, उसी की तरह पकता है और इसका वैसा ही स्वाद होता है, तो हम बिना किसी नुकसान के अपने पसंदीदा स्वाद का मज़ा ले सकते हैं।

निष्कर्ष

गाय का उद्योग हमारे समय के कुछ सबसे गंभीर पर्यावरणीय मुद्दों में योगदान करते हुए अकल्पनीय पीड़ा का कारण बनते हैं। यदि हम गायों और उनके बछड़ों की पीड़ा को समाप्त करना चाहते हैं, और हमारे जलवायु प्रभाव को कम करना चाहते हैं और दुनिया के जंगलों और उनके निवासियों की रक्षा करना चाहते हैं, तो वनस्पति-आधारित आहार अपनाना सबसे अच्छा काम है जो हम कर सकते हैं।

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